
*”भगवान शिव की आराधना से लोक कल्याण के भाव विकसित होते है:-सुश्री प्रिया तिवारी”*
बांगरदा में संगीतमय शिव महापुराण कथा
बांगरदा (खरगोन)भगवान शिव की साधना से व्यक्तित्व में प्रखरता, उपासना से आत्म कल्याण एवं आराधना से लोक कल्याण के भाव विकसित होते हैं. भगवान शिव कल्याण के प्रतिक हैं। हमारी श्रद्धा एवं विश्वास में हमेशा शिव – पार्वती का स्वरुप प्रतिष्ठित रहना चाहिए.
उक्त विचार ग्राम बांगरदा में ग्रामवासियों द्वारा आयोजित पांच दिवसीय शिव महापुराण कथा के चतुर्थ दिवस पर कथावाचक प्रिया तिवारी “दीदी “ने व्यक्त किये. भगवान शिव के दिव्य दर्शन पर प्रकाश डालते हुवे कहा की भगवान के शीश पर विराजित गंगा जीवन में पवित्रता को धारण करने, चन्द्रमा शीतलता को धारण करने, डमरु सतप्रवृत्तियों के सवर्धन एवं त्रिशूल दुष प्रवृत्तियों के उन्मूलन के लिए हैं. भगवान शिव का परिवार विषमता में समता का प्रतिक हैं जिसमे भगवान गणेश का वाहन चूहा, कार्तिकेय का वाहन मोर, शिव का वाहन नंदी एवं पार्वती का वाहन शेर एक साथ एक परिवार में स्नेह भाव के साथ रहते हैं।आज के वातावरण में इस प्रकार के आदर्श परिवारों की स्थापना की आवश्यकता हैं।आदर्श परिवार ही आदर्श समाज एवं सुसंस्कृत राष्ट्र का आधार हैं।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में शिव महापुराण का पूजन किया गया तत्पश्चात मंगल तिलक एवं पुष्प वर्षा के साथ कथा वाचक दीदी का स्वागत किया गया. संगीत टोली द्वारा भक्ति – भाव से परिपूरित भजन प्रस्तुत किये गए.
कथा में बड़ी संख्या में ग्रामीण जन व क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।
:-रामेश्वर फूलकर